Thursday 23 April 2020

how are you nikki कैसी हो निक्की Hindi Story

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पति की बातों में सच्चाई थी। वैसे भी अपने बच्चों में निकिता का सामान्य रंग-रूपगौरी को अपने गोर-चिट्टे रंग का मज़ाक-सा उड़ाता लगता था। दूसरे दोनों बच्चे मनोज और नेहा,  उन्हीं पर गए थे। दो-तीन वर्षों बाद भारत आने का वादा कर मम्मी-पापा निकिता को दादी के संरक्षण में छोड़ लन्दन चले गए थे. दादी ने निकिता को प्यार से अपने सीने से चिपटा लिया था.
सांवली-सलोनी निकिता अपने मम्मी-पापा से दूर अपनी दादी की स्नेहिल छाया में निर्द्वंद जी रही थी. दादी के संरक्षण में वह अपने को कितना सुरक्षित पाती थी।! बॅंधी-बॅंधाई दिनचर्यारोज सुबह मंदिर में पूजा के बाद काँलेज जानाशाम को दादी को रामायण पढ़कर सुनाना और रात में दादी से सटकर लेटी निकितागहरी नींद में डूब जाती।
तीन वर्षों का लंबा समय बीत गया. लन्दन से निकिता के मम्मी पापा भारत आए थे. उनके आने से निकिता के शांत स्थिर जीवन में व्यवधान पड़ गया था. गौरी ने महसूस कियानिकिता की साँवली काया खिल आई थी। शायद यह उसकी उम्र का तकाजा था। सोलह साल की उम्र में तो हर लड़की मोहक दिखती हैपर उसके तौर-तरीकों ने गौरी को परेशान कर डाला था। लम्बे बालों को कसकर दो चोटियों में गूंथ, सुन्दर बालों का सौन्दर्य ही समाप्त हो जाता था. हाथ से दाल-भात खाने वाली और सुबह-शाम पूजा-पाठ करने वाली लड़की से यू.के. का कौन लड़का शादी करेगा?
दो दिनों बाद बारिश रुकी थी. साफ़ मौसम में हाँलीडे रिसोर्ट के बाहर युवा पीढ़ी कुछ रंग जमाने के मूड में थी। पिछले दो दिनों की लगातार बारिश ने सबको अपने कमरों में कैद रहने को बाध्य कर दिया था। आज शाम आसमान खुलते ही लड़कों ने सूखी लकड़ियाँ जमा करनी शुरू कर दी थीं। आज रात जम कर कैम्प- फ़ायर चलेगा। उनके उत्साह से साथ आए प्रौढ़ भी उत्साहित हो चले थे। पहाड़ी मौसम का क्या ठिकानाजब आकाश खुले मौज मना लो वर्ना फिर वही डिप्रेसिंग वेदर उन पर हावी हो जाएगा।
कैम्प- फ़ायर की तैयारियाँ पूरी हो चुकी थीं। स्मार्ट युवा राँबिन ने जोरों से आवाज़ लगाई थी,
  ”
हेआँल आँफ़ यू कम आउट। लेट्स हैव म्यूजिक एण्ड डांस।
रोहन ने म्यूजिक सिस्टम चालू कर दिया था। लड़के-लड़कियों और बच्चों ने संगीत पर झूम-झूमकर नाचना-गाना शुरू कर दिया । अचानक वो उदास शाम बहुत रंगीन हो उठी । बारिश से धुली प्रकृति बेहद खूबसूरत लगने लगी थी।
राँबिन जैसे सबका चहेता हीरो बन गया था। राँबिन ने जब जलती आग को पार किया तो बुजुर्गो ने डर से साँस रोक ली और युवा पीढ़ी ने जोरों से तालियाँ बजाउसका अभिनंदन किया था। राँबिन को डांस करते देखनासचमुच एक अनुभव था। आकर्षक व्यक्तित्व के साथ उसकी नृत्य मुद्राओं ने सबको विस्मय-विमुग्ध कर दिया था।

अगर लड़के को फ़िल्म वाले देख लें तो तुरन्त ब्रेक मिल जाए। इसे तो फ़िल्म्स में ट्राई करना चाहिए।“ मिस्टर आजमानी ने राय दी थी।

आप ठीक कह रहे हैं,  मुझे तो डर है कहीं ये हमारी लड़कियों का मन न मोह ले। मुश्किल में पड़ जाएँगें सारे पापा लोग..........।“ रामदास जी की बात पर सब जोरों से हॅंस पड़े थे।
युवा पीढ़ी ने सचमुच रंग जमा लिया था।
हे लिसिन एवरीबडी! डू यू नो हाऊ टु प्ले पिंक पाजामा?“

नही.....ई ........“ समवेत स्वर गूंजा था।
राँबिन की पुकार पर सब गोल घेरे में सिमट आये थे। तभी राँबिन की दृष्टि कोने में सिमटी अकेली खडी निकिता पर पड़ी थी। सबके उस सर्कल में चले जाने पर अकेली छूट गई निकिता जैसे घबरा-सी रही थी। तेजी से निकिता के पास पहुँचे राँबिन ने उसका हाथ पकड़,  घेरे में खींचना चाहा था। निकिता के प्रतिरोध पर राँबिन हॅंस पड़ा था-

कम आँन बेबीलेट्स एन्ज्वाँय। अपने सारे ग़म भूल जाओ...............
निकिता को सर्कल में शामिल कर राँबिन ने गेम समझाना शुरू किया था-

हाँ तो ये गेम ऐसे हैआपको अपने नेक्स्ट साथी के कान में किसी फ़िल्म का नाम देना है,  वह व्यक्ति अपने अगले साथी को किसी दूसरी फ़िल्म का नाम देगा। फिल्म के नाम के साथ ‘इन पिंक पाजामा’ जोड़ना है. बस ऐसे ही करते जाना हैसमझ गए?“

यस....।“ उत्साहपूर्ण स्वर उभरे थे।

एक-दूसरे के कान में पिक्चर का नाम फुसफुसाते सर्कल पूरा हो गया था।

दिल देके देखो इन पिंक पाजामा.......... हॅंसी का दौर पड़ गया था।

हम आपके हैं कौनइन पिंक पाजामा...........
अजीब समाँ बॅंध गया था,  कुछ अजीबोगरीब नामों के साथ जुड़कर पिंक पाजामा बेहद सेक्सी बन गया था। निकिता की बारी आते ही मौन छा गया था। राँबिन उसके पास आया -

हाय निकिता बेबी,  बोलती क्यों नहीं?“ निकिता जैसे और सिमट गई थी।

हे! व्हाँट इज राँगतुम खेल समझ गई न?“
निकिता ने हाँ’ में सिर हिलाया था।

फिर बोलती क्यों नहीं?“
निकिता फिर चुप रही।
निकिता के मौन पर सबको नाराज़गी थी। मम्मी की तो नाक ही कट गई।  इस लड़की की वजह से उन्हें कितनी शर्मिन्दगी उठानी पड़ती है! निकिता के कंधे जोर से दबा उन्होंने अपना गुस्सा उतारा था-

यू सिली गर्ल,  अगर दिमाग नहीं है तो गेम मे शामिल क्यों हुईअब बोल भी दे..........
फुसफसाहट में कहे गए मां के शब्द निकिता को आतंकित कर गएघर पर रोज उनके निर्देश-डाँट सुनती निकिताअब क्या चुप रह सकती थी।

सैक्सी गर्ल इन पिंक पाजामा
हॅंसी के फौव्वारे छूट गए थे। सबकी दृष्टि निकिता की पिंक सलवार पर पड़ गई थी। व्हाँट ए कोइंसीडेंस! डनकी हॅंसी पर हथेलियों में मुँह छिपानिकिता अपने काँटेज की ओर दौड़ गई थी। दूर तक लोगों की हॅंसी उसका पीछा करती रही थी।
 कमरे के पलंग पर औंधी पड़ी निकिता रोती जा रही थीतभी दरवाजे पर दस्तक हुई थी,
मे आई कम इन..........
निकिता घबरा उठी थी। जल्दी से आँसू पोंछ दरवाजा खोला थासामने राँबिन खड़ा था।

हे बेबी! व्हाँट इस दिसआँसुओं में डूबी राजकुमारीतुम्हें क्या तकलीफ़ हैक्या हुआ?“ राँबिन सचमुच कंसर्न दिख रहा था।
राँबिन की सहानुभूति पर निकिता के आँसू फिर बह चले थे। आश्चर्य से राँबिन ने उसकी ठोढ़ी उठा कर फिर पूछा था,

कम आँन! क्या हुआ,  निककी बेबी?“

कुछ नहीं..........

फिर रोती क्यों हो?“

हमें ये सब गंदी बातें अच्छी नहीं लगतीं।
राँबिन ठठाकर हॅंस पड़ा था।

ओह गाँड! तुम खेल को सीरियसली लेती हो?“

खेल में क्या ऐसी बातें कही जाती हैं, हमारे बारे में  सब क्या सोचते होंगे?“

पागल......... सिम्पली मैड। अरे ये खेल हैकोई इन बातों को सीरियसली नहीं लेता। सच तो ये हैं तुम्हारी वहाँ से एबसेंस का भी किसी ने नोटिस नहीं लिया।

फिर तुम यहाँ कैसे आए?“

क्योंकि मैंने तुम्हारी एबसेंस फील की थीनिक्की बेबी! तुम सबसे अलग लड़की जो हो.“ अपनी बात खत्म करते राँबिन ने प्यार से निक्की के माथे पर झूल आई लट संवार दी । निकिता सिहर उठी ।

आर यू फ़ीलिंग कोल्ड?........“
निकिता ने नहीं में सिर हिलाया था।

अच्छा तो आज से हम दोनों दोस्त हुएबोलो मंजूर है?“ राँबिन ने अपनी हथेली खोल आगे बढ़ा दी थी। निकिता उस खुले हाथ पर अपना हाथ देती हिचक रही थी। राँबिन ने उसका हाथ पकड़अपनी हथेली पर जोर से दबाया था।

अब हम दोस्त हैं,  नाउ नो मोर क्राइंग। चलो एक कप काँफ़ी हो जाए।

हम काँफ़ी नहीं पीते।

फिर क्या दूध पीती हो?“ राँबिन शरारत में मुस्करा रहा था।

हाँ।“ कहते निकिता को शर्म आई थी।

चलो आज मैं काँफ़ी बनाता हूँ,  टेस्ट करके देखोगी तो दूसरे के हाथ की काँफ़ी कभी नही पियोगी।
निकिता असमंजस में पड़ गई थी। राँबिन उसको लगभग खींचता-सा अपनी काँटेज में ले गया था। निकिता को एक कुर्सी पर बैठा उसने दो कप काँफ़ी तैयार की थी। विस्मित निकिता उसे देखती रह गई थी। काँफ़ी का मग निकिता को थमाउसने म्यूजिक सिस्टम आँन किया था। पहला-पहला प्यार है........ निकिता रोमांचित हो उठी थी। जैसे वह सपनों में जाग रही थी।

तुम्हें डांस आता है?“

नहीं.........।

सीखोगी?“

नहीं, हमें शर्म आती है.......

सिली गर्ल! किसी भी आर्ट को सीखने में शर्म क्योंमैं डांस करता अच्छा नहीं लगता?“
निकिता चुप रह गई थी। रुबिन को डांस करते देख सब मुग्ध रह जाते थे. जिस दिन उसने जलती  आग को डांस करते हुए पार किया थासब विस्मय विमुग्ध रह गए थे.
“अच्छे लगते हो.”संकोच से निकिता कह सकी.
उस दिन से रोज़ रॉबिन निकिता को डांस सिखाने आता था. निकिता भी जैसे डांस के पीछे पागल हो उठी थीरॉबिन के प्रति निकिता के मन में अनजाने ही चाहत का एक नन्हां सा अंकुर पनप आया था. रॉबिन की मीठी बातें निकिता को रोमांचित कर जातीं. वह सपनों में जी रही थीसपनों का राजकुमार रॉबिन था. सोलह साल की निक्की सोचती, रॉबिन भी उसे चाहता है वरना वह उसके लिए अपना कीमती वक्त क्यों व्यर्थ करता.
दस दिन बीत चुके थे. वो आखिरी दिन थासबको अपने –अपने घर वापिस लौटना था. निकिता बेहद उदास थी. अंतिम दिन डांस का प्रोग्राम था. अंतिम डांस परफ़ॉरमेंस देखने को सब हॉल में जमा थे. म्यूजिक शुरू होते ही जोडियाँ डांस- फ्लोर पर आ गईं. एक तरफ खडी निकिता का हाथ पकड़ रॉबिन डांसिंग- फ्लोर पर ले गया. निकिता की बहिन नेहा चौंक गईवह सोच भी नहीं सकती थी कि निकिता भी डांस कर सकती थी. रॉबिन के कंधे पर हाथ धरे निकिता के पैरों में जैसे पंख लग गए थे. दोनों की जोड़ी बेहद मोहक और दर्शनीय थी. मुस्कुराती नेहा परी सी लग रही थी.
“नहीं तुम हमें छोड़ कर नहीं जाओरॉबिन. तुमने हमसे दोस्ती क्यों कीराँबिन?“ निकिता का स्वर भीग गया था. सुन्दर आँखों में आंसू छलक आए थे.

क्योंकि तुम एक अच्छी लड़की होदूसरी लड़कियों से बहुत अलग। तुम हमेशा याद रहोगी। नाऊ चियर अप निककीमुझे अपने फ्यूचर के लिए जाना ही होगाइट्स माई लाइफ़,“ निकिता का हाथ छोड़ रॉबिन दूसरी लड़की का हाथ पकड़ डांसिंग- फ्लोर पर आगया.
 पढ़ाई के साथ नृत्य सीखने की इच्छा ने दादी को विस्मित कर दिया थापर निकिता के बार-बार के अनुरोध पर दादी को स्वीकृति देनी ही पड़ी थी. सात वर्षों की कठिन तपस्या के बाद आज निकिता का अपना “रॉनिक नृत्य कला- केंद्र” शहर का प्रसिद्ध नृत्य कला- केंद्र है. निकिता और उसके स्टूडेंट्स के जगह-जगह कार्यक्रम होते रहते हैं. निकिता की प्रसिद्धि दूर-दूर तक पहुँच चुकी है.
रात भर बेचैनी से करवटें बदलती निकिता बहुत सवेरे पलंग से उठ गई. समझ नहीं पारही थी वह क्या करे. क्या रॉबिन अभी भी उसके बंद द्वार पर खड़ा होगाअभी सूर्योदय नहीं हुआ था,  अचानक अपनी इस सोच पर बंद दरवाज़े के कपाट खोलनिकिता उस हलके अँधेरे में राहुल को देख पाने की कोशिश कर रही थी. नहीं राहुल वहां नहीं था. निराशा ने निकिता का अवसाद बढ़ा दिया. कल शाम उसने ही तो रॉबिन को खाली लौटाया थाफिर क्यों उसके लौटने का इंतज़ार कर रही थीसोलह वर्ष की उम्र का उसका पहला और अंतिम प्यार वापिस आयापर उसे वह खो बैठी. पिछले सात वर्षों में मम्मी-पापा और दादी ने ना जाने कितने रिश्तों के लिए उसकी हाँ पाने का प्रयास कियापर निकिता ने हाँ नही की क्यों क्या वह जानती नहीं थीक्या कहना चाहता थारॉबिन, उसने मौक़ा भी नहीं दिया.

तुम्हें अपनी निक्की कहने का अधिकार खो बैठा हूँ. दोस्त बना थापर दोस्ती की जगह सौदा किया था. अपनी मत्वाकांक्षा पूरी करने के लिए तुम्हें धोखा देने का अक्षम्य अपराध किया है. अपना अपराध जानते हुए भी तुमसे माफी की आशा कर रहा था. तुम्हारी सफलता के लिए बहुत बधाई. यहाँ आकर पता लगाआज से सात वर्ष पहले की भोली निक्की सुप्रसिद्ध नृत्यांगना के रूप में अपनी पहिचान बना चुकी है. तुम्हारे लिए बहुत खुश हूँनिकिता.
अमरीका बहुत बड़े-बड़े सपने ले कर गया था. सफलता भी मिली. मेरा डांसिंग स्कूल प्रसिद्ध होरहा था. उन्हीं दिनों अमेरिकन युवती नैनसी मेरी ज़िंदगी में आई. उसका सौन्दर्य और उसकी मादक अदाएं मुझे आकृष्ट करने लगीं. मेरे नृत्य की साथिन बन कर वह मेरे जीवन में अपनी जगह बनाने लगी. उसके साथ अपने को पूर्ण पाने लगा था. अब मेरे पास धन भी आने लगा था. एक बड़े कार्यक्रम में परफार्मेंस के लिए हमें इनवाइट किया गया था. आयोजक फ्रांस का एक उद्योगपति था. नैनसी के रूप-सौन्दर्य ने उसे नैनसी का दीवाना बना दिया. मेरी जानकारी के बिना नैनसी उससे अक्सर मिलती थी. और एक दिन अप्रत्याशित घटा. एक छोटे से पत्र में नैनसी ने लिखा थावह उस उद्योगपति के साथ हमेशा के लिए फ्रांस जारही थी. उसके धोखे से मै टूट गया. उस दिन मुझे तुम बहुत याद आईं. तुम्हारा आंसुओं के साथ कहना- “मुझसे दोस्ती क्यों की थीरॉबिनमुझे छोड़ कर मत जाओ.”
क्षमा करनाएक बात पूछने से अपने को नहीं रोक पारहा हूँतुमने नृत्य को क्यों अपने जीवन का लक्ष्य चुनामन में एक भ्रम हैकहीं इसके पीछे मेरी प्रेरणा तो नहींलेकिन यह मेरा भ्रम ही है. जानता हूँ इतना सौभाग्यशाली नहीं हूँ. काश तुम्हारे नृत्य कला- केन्द्र का “रॉनिक नृत्य कला-केंद्र” नाम रॉबिन और निकिता के नाम का मिलन होता.
निकिता के हाथो से पत्र छृट कर गिर गया. आँखों से आंसू बह निकले. वह तो रॉबिन को कब का माफ़ कर चुकी हैचाह कर भी क्या वह उससे नफरत कर सकी हैवह और उसके प्रेरक शब्द हमेशा उसकी यादों में रहे हैं. तुमने ठीक पहिचाना रॉबिन मेरे केंद्र का नाम हम दोनों के नामों का संगम ही तो है. निक्की अपने मन का सच जानती है, पर क्या ये सच नहींरॉबिन निकिता की माफी और प्यार सेअपने टूटे दिल पर मरहम लगाना चाहता है. सोलह वर्ष की भोली निक्की अब एक समझदार युवती बन चुकी है. उसका अपना जीवन शांत नदी सा बह रहा हैरॉबिन का उसके जीवन में प्रवेश क्या उस शांत जल में तूफ़ान नहीं ला देगा? कबकहाँ रॉबिन फिर किसी महत्वाकांक्षा के पीछे उसे दोबारा अकेला ना छोड जाएउसे अब किसी के सहारे की ज़रुरत नहीं है,

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