Wednesday 21 October 2020

2 Line Shayari Collection by Jot Chahal ( Ranjot Singh )

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हमें भी आते है अंदाज़ दिल तोड़ने के,
हर दिल में ख़ुदा बसता है यही सोचकर चुप हूँ।


मंजिल का नाराज होना भी जायज था,
हम भी तो अजनबी राहों से दिल लगा बैठे थे।

रात भर तारीफ करता रहा तेरी चाँद से,
चाँद इतना जला कि सुबह तक सूरज हो गया।

तुम और तुम्हारी हर बात मेरे लिए ख़ास हैं,
यहीं शायद मोहब्बत का पहला अहसास हैं।

मिट जाते है वो औरों को मिटाने वाले,
लाश कहा रोती है रोते हैं जलाने वाले।

दिल टूटा है सम्भलने में कुछ वक्त तो लगेगा साहिब,
हर चीज़ इश्क़ तो नहीं कि एक पल में हो जाये।

दिल टूटा है सम्भलने में कुछ वक्त तो लगेगा साहिब,
हर चीज़ इश्क़ तो नहीं कि एक पल में हो जाये।

हर रिश्ते मे सिर्फ नूर बरसेगा..
शर्त बस इतनी है कि रिश्ते में शरारतें करो साजिशें नहीं।

मैं ना जानू इबादत, मुझे माफ़ कर देना ऐ मेरे खुदा,
मैं तो तेरे दर पे आता हूँ, उसकी गली से गुजरने के लिए।

ख्वाब, ख्याल, मोहब्बत, हक़ीक़त, गम और तन्हाई,
ज़रा सी उम्र मेरी.. किस-किस के साथ गुज़र गयी। 🍁

पत्तों सी हो गई है, रिश्तों की उम्र,
आज हरे.. कल पीले.. परसों सूखे।


होने लगे रुखसत मेरा दामन पकड़ लिया,
जाओ नही कहकर मुझे बाँहों मे भर लिया।

अक्सर वही रिश्ते लाजवाब होते हैं,
जो एहसानों से नहीं एहसासों से बने होते हैं।

तुमने तो गिरा डाली लम्हे में इमारत,
हम अरसे लगेंगे हमको मलबा हटाने में।

अपने जलने मैं नहीं करता किसी को,
शरीक.. रात होते हीं मैं शम्मा बुझा देता हूँ।

ये कौन है कि जिसका जिस्म हमसे ज़िन्दा है,
हमें तो चेहरा भी आईने में अपना नहीं लगता।

मेरे इब्तिदा-ए-इश्क़ की कहानी ना पूछ मुझसे,
हर सांस में हज़ारों बार तेरा नाम लिया हैं।

सारी उम्र तो कोई जीने की वजह नहीं पूछता,
लेकिन मौत वाले दिन सब पूछते है कि कैसे मरे।

सांसों की पायल पहन के ज़िंदगी निकली तो है,
क्या पता कब छनके.. ना जाने कब टूट जाये। ✌

जीत लेते हैं हम मुहोब्बत से गैरों का भी दिल,
पर ये हुनर जाने क्यों अपनों पर चलता ही नहीं।

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