Thursday, 16 April 2020

पुरानी किताब Hindi Story for Kids

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मर्जोरि पुरानी किताब को पढ़ना चाहती थी। उसके बारे में टॉमी से न जाने कितने प्रश्न पूछना चाहती थी। उसे अपने दादाजी की बात याद आ रही थी। उन्होंने मर्जोरि को बताया था कि पुराने समय में कहानियां किताबों में छपती थीं और बच्चे स्कूलों में किताबों से ज्ञान प्राप्त करते थे। वह दादाजी से स्कूल के बारे में भी जानना चाहती थी। उन्होंने पुराने जमाने के स्कूल के बारे में कुछ बातें बताई थीं। सुनकर मर्जोरि हैरान रह गई थी।
मर्जोरि टॉमी के साथ बैठी-बैठी किताब के पन्ने पलटती रही। वह सोच रही थी, ‘कंप्यूटर स्क्रीन पर तो शब्द उभरते हैं, आते-जाते रहते हैं, लेकिन कागज पर छपे अक्षर एकदम स्थिर थे। वे कंप्यूटर स्क्रीन पर उभरने वाले शब्दों की तरह हिल-डुल नहीं रहे थे और जब टॉमी ने पृष्ठ पलटा, तो शब्दों के पीछे भी शब्द छपे दिखाई दिए।  कितनी अजीब बात थी।’
मर्जोरि ने मां को समस्या बताई। वह मशीनी टीचर को काउंटी इंस्पेक्टर के पास ले गईं। इंस्पेक्टर लाल चेहरे वाला गोल-मटोल आदमी था। उसकी पेटी में तरह-तरह के उपकरण थे। इंस्पेक्टर ने मशीनी टीचर को पूरी तरह खोल डाला और फिर प्यार से उसके एक-एक पुरजे की जांच करता रहा। जब इंस्पेक्टर मशीनी टीचर की मरम्मत कर रहा था, तो मर्जोरि उसे ध्यान से देख रही थी। वह मन ही मन कह रही थी, ‘भगवान करे, यह ठीक ही न हो और मुझे इससे छुटकारा मिल जाए।’
मर्जोरि ने मशीनी टीचर के आदेश का पालन किया, पर वह उदास थी। वह पुराने स्कूलों के बारे में सोच रही थी जहां सैकड़ों बच्चे मिलकर पढ़ते होंगे, मिलकर खेलते होंगे। एक क्लास के सभी बच्चे एक जैसी किताब से पढ़ते होंगे। पढ़ते-पढ़ते भी शरारत चलती होगी। और उन्हें पढ़ाने वाले मानव टीचर होंगे। मुझे पढ़ाने वाले मशीनी टीचर नहीं। वाह! तब कितना मजा आता होगा बच्चों को...!

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