Friday 11 August 2017

आँखों में पानी रखो, होंठो पे चिंगारी रखो, by जोत चहल

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आँखों में पानी रखो, होंठो पे चिंगारी रखो,
जिंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो,
राह के पत्थर से बढ के, कुछ नहीं हैं मंजिलें,
रास्ते आवाज़ देते हैं, सफ़र जारी रखो..

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